नई दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार (13 अक्टूबर, 2025) को कथित आईआरसीटीसी घोटाला मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बेटे तेजस्वी यादव, जो राज्य में विपक्ष के नेता हैं, के खिलाफ आरोप तय किए, जिससे बिहार में चुनाव से पहले मुकदमे की तैयारी हो गई।
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने इस मामले में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के साझा आरोप तय किए। यह मामला भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) के दो होटलों के संचालन के ठेके एक निजी फर्म को देने में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है।

अदालत ने लालू प्रसाद के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भी आरोप तय किए। उन्होंने आरोपों से इनकार किया है। मामले में विस्तृत आदेश का इंतजार है। इससे पहले 24 सितंबर को, अदालत ने सभी आरोपियों को आरोप तय करने के अपने आदेश के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया था।
सीबीआई के आरोपपत्र के अनुसार, 2004 और 2014 के बीच कथित तौर पर एक साजिश रची गई थी जिसके तहत पुरी और रांची स्थित भारतीय रेलवे के बीएनआर होटलों को पहले आईआरसीटीसी को हस्तांतरित किया गया और बाद में, इनके संचालन, रखरखाव और देखभाल के लिए, बिहार के पटना स्थित सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को पट्टे पर दे दिया गया। एजेंसी ने आरोप लगाया कि निविदा प्रक्रिया में धांधली और हेराफेरी की गई और निजी संस्था सुजाता होटल्स की मदद के लिए शर्तों में फेरबदल किया गया।
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