NDA Manifesto for Bihar Assembly Elections 2025: एक करोड़ सरकारी नौकरियाँ, महिला सशक्तिकरण और बिहार के विकास का विजन

Bihar Assembly Elections 2025

D K Singh
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Highlights
  • 31 अक्टूबर 2025 को, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने आगामी बिहार विधानसभा चुनावों के लिए अपना चुनावी घोषणापत्र (जिसका शीर्षक "संकल्प पत्र" है) जारी किया।
  • एक करोड़ से ज़्यादा सरकारी नौकरियाँ और रोज़गार के अवसर
  • महिला सशक्तिकरण: "लखपति दीदी" और मिशन करोड़पति

NDA Manifesto for Bihar Assembly Elections 2025: इसमें युवाओं के रोज़गार, महिला सशक्तिकरण, बुनियादी ढाँचे और कृषि जैसे क्षेत्रों में कई बड़े वादे और व्यापक लक्ष्य शामिल हैं।

31 अक्टूबर 2025 को, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने आगामी बिहार विधानसभा चुनावों के लिए अपना चुनावी घोषणापत्र (जिसका शीर्षक “संकल्प पत्र” है) जारी किया। इसमें युवाओं के रोज़गार, महिला सशक्तिकरण, बुनियादी ढाँचे और कृषि जैसे क्षेत्रों में कई बड़े वादे और व्यापक लक्ष्य शामिल हैं। यहाँ घोषणापत्र में किए गए वादों, राजनीतिक संदर्भ और उनकी व्यवहार्यता व निहितार्थों का विस्तृत विवरण दिया गया है।

Bihar Election

NDA Manifesto for Bihar (प्रमुख वादे): एनडीए क्या पेशकश कर रहा है: घोषणापत्र की मुख्य बातें इस प्रकार हैं

1.  एक करोड़ से ज़्यादा सरकारी नौकरियाँ और रोज़गार के अवसर

एनडीए बिहार में एक करोड़ से ज़्यादा सरकारी नौकरियाँ और रोज़गार के अवसर पैदा करने का वादा करता है। उनका इरादा युवाओं की क्षमताओं का आकलन करने के लिए एक “कौशल जनगणना” कराने और हर ज़िले में मेगा कौशल केंद्र स्थापित करने का है ताकि बिहार एक “वैश्विक कौशल केंद्र” बन सके।

उदाहरण: “हम एक करोड़ से ज़्यादा सरकारी नौकरियाँ और रोज़गार के अवसर प्रदान करेंगे। एक कौशल जनगणना कराएँ… हर ज़िले में मेगा कौशल केंद्र स्थापित करें।”

2. महिला सशक्तिकरण: “लखपति दीदी” और मिशन करोड़पति

एक उल्लेखनीय वादा: महिला रोज़गार योजना के माध्यम से एक करोड़ महिलाओं को “लखपति दीदी” (कम से कम एक लाख रुपये कमाने वाली या उस तक पहुँच रखने वाली महिलाएँ) बनाना। इस योजना के तहत, महिलाओं को मुख्यमंत्री महिला रोज़गार योजना के तहत ₹2 लाख तक की सहायता मिलेगी। साथ ही, महिला उद्यमियों को करोड़पति बनाने के लिए एक “मिशन करोड़पति” भी शुरू किया गया है।

3. कृषि एवं किसान कल्याण

नई “कर्पूरी ठाकुर किसान सम्मान निधि” के अंतर्गत वार्षिक सहायता राशि को बढ़ाकर ₹3,000 प्रति वर्ष करने का वादा, जिससे कुछ श्रेणियों के लिए कुल राशि बढ़कर ₹9,000 हो जाएगी। सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी, पंचायत स्तर पर खरीद और कृषि-बुनियादी ढाँचे में ₹1 लाख करोड़ का निवेश।

4. बुनियादी ढाँचा एवं औद्योगिक विकास

+ सात एक्सप्रेसवे, 3,600 किलोमीटर रेलवे ट्रैक के आधुनिकीकरण और चार नए शहरों में मेट्रो सेवाओं की स्थापना की योजना।

+ औद्योगिक पार्कों का निर्माण: प्रत्येक जिले में 10 नए औद्योगिक पार्क और कारखाने, 100 एमएसएमई पार्क, 50,000 नए कुटीर उद्योग।

+ हवाई संपर्क के लिए बुनियादी ढाँचा: नए अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (पटना, दरभंगा, पूर्णिया, भागलपुर में) और 10 नए शहरों से घरेलू उड़ानें।

5. शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं कल्याण

+ गरीब परिवारों के छात्रों के लिए किंडरगार्टन से स्नातकोत्तर तक निःशुल्क शिक्षा, उच्च शिक्षा में अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए ₹2,000 की मासिक सहायता और अति पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) के लिए ₹10 लाख तक की सहायता।

+ कल्याणकारी गारंटी: निःशुल्क राशन, 125 यूनिट निःशुल्क बिजली, 50 लाख पक्के घरों का निर्माण, ₹5 लाख तक का निःशुल्क इलाज, आदि।

NDA Manifesto for Bihar Assembly Elections 2025 (राजनीतिक संदर्भ): ये वादे क्यों मायने रखते हैं

बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारी में है और दोनों प्रमुख गठबंधन ज़ोर-शोर से चुनावी प्रचार कर रहे हैं। प्रतिद्वंद्वी गठबंधन महागठबंधन (कांग्रेस + राजद + अन्य) ने पहले प्रति परिवार एक सरकारी नौकरी का वादा किया था।

एनडीए के वादों को एक जवाबी कदम के रूप में देखा जा सकता है: “प्रति परिवार नौकरी” के बजाय, यह “एक करोड़ से ज़्यादा नौकरियों” और व्यापक आकांक्षाओं (महिला उद्यमिता, बुनियादी ढाँचा, आदि) की बात करता है।

Manifesto for Bihar Assembly Elections 2025

अंतिम विचार क्या ये वादे कारगर कार्रवाई में तब्दील होंगे, यही असली परीक्षा है। क्रियान्वयन क्षमता, शासन की गुणवत्ता, वित्तीय संसाधनों और राज्य-केंद्र समन्वय पर निर्भर करेगा। मतदाताओं और विश्लेषकों, दोनों के लिए, अगले पाँच साल यह बताएँगे कि क्या ये लक्ष्य हासिल करने योग्य मील के पत्थर थे या सिर्फ़ चुनावी जुमलेबाज़ी।

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D K Singh Editor In Chief at CMI Times News. Educationist, Education Strategist and Career Advisor.
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