बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के इस बार के रण में विरासत और राजनीतिक रसूख दोनों साथ-साथ नजर आ रहे हैं. प्रदेश की राजनीति में अपनी पहचान छोड़ चुके आठ पूर्व मुख्यमंत्रियों के दस रिश्तेदार इस बार विधानसभा चुनाव 2025 के चुनावी मैदान में हैं. ये सभी अपने-अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के इरादे से मैदान में उतरे हैं. मधुबनी, वैशाली, जमुई, गया, सारण, बेगूसराय, पश्चिम चंपारण और समस्तीपुर जैसे आठ जिलों की दस सीटों पर इनकी दावेदारी से मुकाबला हाईप्रोफाइल हो गया है.
- पूर्व मुख्यमंत्रियों के दस वारिस उतरे मैदान में
- पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के परिवार में चुनावी मैदान में सबसे ज़्यादा सदस्य हैं
- पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह के बेटे सुशील कुमार सिंह और केदार पांडे के पोते भी चुनावी दौड़ में
- पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के बेटे नीतीश मिश्रा भी चुनावी मैदान में हैं
- इस हाई-प्रोफाइल सूची में पूर्व मुख्यमंत्री लालू और राबड़ी के दोनों बेटे शामिल हैं, जो इस बार अलग-अलग पार्टियों से चुनाव लड़ रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्रियों के दस वारिस उतरे मैदान में
इन दस दावेदारों में दो महिला प्रत्याशी भी शामिल हैं, जो पहली बार चुनावी मैदान में कदम रख रही हैं. इनमें एक हैं पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय की पोती डॉ. करिश्मा राय, जो सारण जिले की परसा सीट से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. दिलचस्प बात यह है कि करिश्मा राय, तेजप्रताप यादव की पत्नी ऐश्वर्या राय की चचेरी बहन हैं. वहीं दूसरी महिला प्रत्याशी हैं डॉ. जागृति ठाकुर, जो जननायक कर्पूरी ठाकुर की पोती और केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर की भतीजी हैं. वे मोरवा (समस्तीपुर) से जन सुराज पार्टी की उम्मीदवार हैं. दोनों युवा उम्मीदवार अपनी पारिवारिक राजनीतिक पहचान के साथ नई सोच की झलक भी पेश कर रही हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के परिवार में चुनावी मैदान में सबसे ज़्यादा सदस्य हैं
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के परिवार में इस बार सबसे ज़्यादा सदस्य चुनाव लड़ रहे हैं। मांझी के तीन रिश्तेदार इस बार HAM पार्टी के टिकट पर अलग-अलग सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं। उनकी बहू, ज्योति मांझी, गया ज़िले की बाराचट्टी सीट से, उनकी दूसरी बहू, दीपा मांझी, इमामगंज सीट से और उनके दामाद, प्रफुल्ल मांझी, सिकंदरा (जमुई) सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। जीतन राम मांझी परिवार का यह चुनावी नेटवर्क गया और जमुई ज़िलों में चर्चा का विषय बन गया है।
जीतन राम मांझी का जन्म बिहार राज्य के गया ज़िले के खिजरसराय के महकार गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम रामजीत राम मांझी था, जो एक खेतिहर मज़दूर थे। उन्होंने 1966 में गया कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरा किया। वह महादलित मुसहर समुदाय से हैं। उन्होंने 1966 में क्लर्क के तौर पर काम करना शुरू किया और 1980 में नौकरी छोड़ दी।
पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह के बेटे सुशील कुमार सिंह और केदार पांडे के पोते भी चुनावी दौड़ में
इसके अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह के बेटे, सुशील कुमार सिंह भी इस बार चुनावी दौड़ में हैं। वह बेगूसराय ज़िले की चेरिया बरियारपुर सीट से RJD उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री केदार पांडे के पोते, शाश्वत केदार पांडे, नरकटियागंज (पश्चिम चंपारण) से कांग्रेस उम्मीदवार हैं। शाश्वत पहले वाल्मीकिनगर सीट से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। उनके पिता, मनोज पांडे, बेतिया से सांसद रह चुके हैं, जिससे उनके परिवार की राजनीति में मज़बूत पकड़ है।
पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के बेटे नीतीश मिश्रा भी चुनावी मैदान में हैं
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्रा के बेटे नीतीश मिश्रा झंझारपुर (मधुबनी) विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार हैं। झंझारपुर वही विधानसभा क्षेत्र है जिसका कभी जगन्नाथ मिश्रा ने प्रतिनिधित्व किया था और जहाँ से वे तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। नीतीश मिश्रा तीन बार विधायक रह चुके हैं और अब अपनी सीट बचाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, जगन्नाथ मिश्रा के भतीजे ऋषि मिश्रा जाले विधानसभा क्षेत्र से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
इस हाई-प्रोफाइल सूची में पूर्व मुख्यमंत्री लालू और राबड़ी के दोनों बेटे शामिल हैं, जो इस बार अलग-अलग पार्टियों से चुनाव लड़ रहे हैं।
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव वैशाली जिले की राघोपुर सीट से राजद उम्मीदवार हैं, जबकि उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल के टिकट पर महुआ सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इन दोनों सीटों पर न केवल बिहार बल्कि पूरे देश की नज़र है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बार बिहार चुनाव सिर्फ सत्ता की लड़ाई नहीं, बल्कि विरासत और पहचान की लड़ाई बन गया है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों के परिवार अपनी राजनीतिक विरासत को नए सिरे से परिभाषित करने की कोशिश कर रहे हैं।



