झारखंड: ईडी ने आदिवासी ज़मीन घोटाले में बड़ी कार्रवाई की, रांची और दिल्ली में कई जगहों पर छापेमारी की

ईडी की कई टीमें ज़मीन हड़पने वालों, बिल्डरों और दलालों से जुड़े कथित घोटाले से संबंधित प्रॉपर्टी के कागजात, वित्तीय रिकॉर्ड और डिजिटल सबूतों की जांच कर रही हैं।

CMI Times Web Desk
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Highlights
  • यह कार्रवाई कांके ब्लॉक के चामा मौजा में धोखाधड़ी की गतिविधियों से संबंधित है
  • सूत्रों के अनुसार, ईडी ने रांची में छह से ज़्यादा और दिल्ली में तीन जगहों पर छापेमारी की।
  • ईडी की कई टीमें ज़मीन हड़पने वालों, बिल्डरों और दलालों से जुड़े कथित घोटाले से संबंधित प्रॉपर्टी के कागजात, वित्तीय रिकॉर्ड और डिजिटल सबूतों की जांच कर रही हैं।

झारखंड: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को रांची और दिल्ली में कई जगहों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई आदिवासी ज़मीन से जुड़े करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच के सिलसिले में की गई। सूत्रों के अनुसार, ईडी ने रांची में छह से ज़्यादा और दिल्ली में तीन जगहों पर छापेमारी की।

वित्तीय रिकॉर्ड और डिजिटल सबूतों की जांच की जा रही है

ईडी की कई टीमें ज़मीन हड़पने वालों, बिल्डरों और दलालों से जुड़े कथित घोटाले से संबंधित प्रॉपर्टी के कागजात, वित्तीय रिकॉर्ड और डिजिटल सबूतों की जांच कर रही हैं। रांची में जिन प्रमुख जगहों पर छापेमारी की गई, उनमें कांके में कांके रिसॉर्ट, रतू रोड पर सुखदेव नगर, काद्रू, बरैया और अशोक नगर शामिल हैं। दिल्ली में प्रभावशाली ज़मीन दलालों और उनके सहयोगियों से जुड़े ठिकानों की भी तलाशी ली गई।

गैर-कानूनी तरीके से कमाए गए पैसे को वैध आय के रूप में दिखाया गया

यह कार्रवाई कांके ब्लॉक के चामा मौजा में धोखाधड़ी की गतिविधियों से संबंधित है, जहां फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए आदिवासी ज़मीन को गैर-कानूनी तरीके से आम ज़मीन में बदल दिया गया और फिर उसे ऊंची कीमत पर बेच दिया गया। जांचकर्ताओं को शक है कि इन लेन-देन से कमाए गए पैसे को वैध आय दिखाने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग किया गया।

पिछले साल 10 जुलाई को जांच के लिए कांके गई थी ईडी टीम

ईडी की जांच में कथित ज़मीन माफिया सदस्य कमलेश कुमार सिंह और कांके रिसॉर्ट के मालिक बीके सिंह को निशाना बनाया गया है, जिनके ठिकानों पर छापेमारी की गई। छापेमारी में प्रॉपर्टी डीलर और फर्जी दस्तावेज बनाने वाले जैसे उनके करीबी लोग भी निशाने पर थे। यह पहली बार नहीं है जब एजेंसी ने इस मामले में कार्रवाई की हो। इससे पहले, पिछले साल 10 जुलाई को ईडी की एक टीम विवादित ज़मीन की जांच के लिए कांके गई थी। यह छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत की जा रही है।

ईडी को शक है कि फर्जी दस्तावेजों और राजस्व रिकॉर्ड में हेरफेर करके आदिवासी ज़मीन गैर-कानूनी तरीके से हासिल की गई और फिर उसे गैर-कानूनी तरीके से बेच दिया गया। इस पैसे को रियल एस्टेट और अन्य निवेशों के ज़रिए मनी लॉन्ड्रिंग किया गया।

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